आम नागरिकों की तरह प्रॉपर्टी खरीद पाएंगे और किराए से रह पाएंगे समलैंगिक जोड़े… हांगकांग की कोर्ट ने दिया अधिकार

आम नागरिकों की तरह प्रॉपर्टी खरीद पाएंगे और किराए से रह पाएंगे समलैंगिक जोड़े… हांगकांग की कोर्ट ने दिया अधिकार


मौजूदा कानूनों में समलैंगिक जोड़ों को वसीयत संबंधी अधिकारों से भी वंचित रखा गया था। एडवोकेसी समूह हांगकांग मैरिज इक्वेलिटी ने इस फैसले की सराहना की और सरकार से समलैंगिक विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया।

हांगकांग की शीर्ष अदालत ने समलैंगिक जोड़ों के पक्ष में फैसला सुनाया। इस फैसले से समलैंगिक जोड़ों को आवास और उत्तराधिकार के अधिकार मिल गए हैं। यह फैसला क्वीर समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने ऐतिहासिक रूप से लंबे समय तक भेदभाव सहा है और यह LGBTQ+ अधिकारों के लिए लड़ने वालों के लिए एक बड़ी जीत है।

यह फैसला 2023 के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद आया है, जिसमें उसी अदालत ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने से इनकार कर दिया था, लेकिन सरकार को LGBTQ+ जोड़ों के अधिकारों की रक्षा के लिए दो साल के भीतर एक वैकल्पिक कानूनी ढांचा विकसित करने का आदेश दिया था।

यह ऐतिहासिक फैसला निक इन्फ़िंगर की याचिका पर आया, जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए छह साल की न्यायिक लड़ाई लड़ी। याचिका में सार्वजनिक आवास में रहने वाले समलैंगिक जोड़ों पर सरकारी प्रतिबंध को चुनौती दी थी।

किराए से फ्लैट लेने पर लगी थी पाबंदी

  • इन्फ़िंगर और उनके साथी को किराये से फ्लैटों लेन से वंचित कर दिया गया था। यह मामला बाद में हेनरी ली और उनके दिवंगत पति एडगर एनजी के मामले के साथ अदालत में ले जाया गया।
  • इस जोड़े ने भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ केस दायर किया था, जिसमें समलैंगिक जोड़ों को संपत्ति प्राप्त करने या रियायती आवास में रहने पर रोक लगी थी। फैसले के बाद इन्फ़िंगर ने ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि हांगकांग एक अधिक समान और निष्पक्ष जगह बन सकता है।
  • उन्होंने मुताबिक, यह फैसला समलैंगिक जोड़ों के प्यार और एक साथ रहने के अधिकारों को स्वीकार करता है। हालांकि, उन्होंने ताइवान या थाईलैंड की तुलना में हांगकांग में थोड़ा निराशावादी माहौल होने की बात स्वीकार की।
  • सुनवाई के दौरान जस्टिस जोसेफ फोक और रॉबर्टो रिबेरो ने कहा कि आवास और उत्तराधिकार को नियंत्रित करने वाले मौजूदा नियम भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार समलैंगिक जोड़ों के साथ असमान व्यवहार को सही ठहराने में विफल रही है।

naidunia_image

नीदरलैंड सहित 30 से अधिक देशों में समलैंगिक विवाह को मंजूरी

वैश्विक स्तर पर नीदरलैंड सहित 30 से अधिक देशों ने 2001 में समलैंगिक विवाह को मंजूरी दे दी थी और विवाह समानता को अपनाया है। हालांकि चीन उनमें से नहीं है और वहां LBGTQ लोगों के भेदभाव के खिलाफ कोई स्पष्ट कानून नहीं है।