कश्मीर में तैयार हुआ आतंकवादियों का काल, अमेरिकी मरीन की तर्ज पर 960 जवानों ने संभाला मोर्चा; इन इलाकों में फैले

कश्मीर में तैयार हुआ आतंकवादियों का काल, अमेरिकी मरीन की तर्ज पर 960 जवानों ने संभाला मोर्चा; इन इलाकों में फैले


India trained 960 policemen like US Marine Corps: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षाबलों की एक बेहद खूंखार टुकड़ी तैयार की गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में 960 प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की एक नई टुकड़ी तैनात की है, जो विशेष रूप से घुसपैठ और आतंकवाद से निपटने के लिए काम करेगी। ऐसा कहा जा रहा है कि पिछले दिनों पाकिस्तान से भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की घुसपैठ में वृद्धि हुई है। इसी को देखते हुए पुलिस की स्पेशल टुकड़ी तैनात की गई है। 

अमेरिकी मरीन कॉर्प्स की तरह तैयार किए गए 960 पुलिसकर्मी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 960 पुलिसकर्मियों को अमेरिका की मरीन कॉर्प्स की तरह तैयार किया गया है। इनमें से लगभग 560 पुलिसकर्मियों को जम्मू संभाग के सीमावर्ती इलाकों में और शेष को कश्मीर घाटी में तैनात किया गया है। गौरतलब है कि यह जम्मू-कश्मीर पुलिस का पहला ऐसा बल है, जिसके कर्मियों को किसी अन्य ड्यूटी के लिए तैनात नहीं किया जा सकता है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर आर स्वैन ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रशिक्षण स्कूल से पास आउट हुए करीब 960 जवानों को बुधवार को सीमावर्ती इलाकों में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी भर्ती उनके इलाके के आधार पर की गई है। उन्होंने कहा, “सीमावर्ती इलाकों से चयन किया जाएगा और उन्हें सीमावर्ती इलाकों में ही तैनात भी किया जाएगा। वे केवल घुसपैठ विरोधी और आतंकवाद विरोधी मोर्चों पर काम करेंगे और उन्हें पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारी) या कार्यालय में या किसी अन्य अतिरिक्त काम के लिए तैनात नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि “इन जवानों पर अन्य काम के लिए सख्त पाबंदियां हैं।”

इन जवानों को किसी अन्य काम पर नहीं लगाया जा सकता

डीजीपी स्वैन ने कहा, “इन पुलिसकर्मियों को सुपरवाइज करने वाले अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें उनके मूल घुसपैठ-रोधी और आतंकवाद-रोधी कार्य के अलावा किसी अन्य काम पर नहीं लगाया जा सकता। आप उन्हें केवल घुसपैठ-रोधी और आतंकवाद-रोधी कार्य पर ही तैनात करेंगे, ताकि सामान्य क्षेत्र की सुरक्षा बढ़े और दुश्मन के लिए घुसपैठ करना और आतंक फैलाना बेहद मुश्किल हो जाए।” स्वैन ने कहा कि ये कर्मी “सीमावर्ती गांवों से” हैं और “बहुत युवा” लोग हैं, वे इस क्षेत्र को अच्छी तरह से जानते हैं और दुश्मन की रणनीति को भी समझते हैं। उन्होंने कहा, “वे हमारे अपने लड़के हैं और वे जम्मू-कश्मीर के बाहर से नहीं हैं – यहां तक ​​कि जम्मू-कश्मीर के अन्य जिलों से भी नहीं, बल्कि संबंधित सीमावर्ती तहसीलों से ही हैं।”

स्वैन ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से निपटने के लिए पुलिस द्वारा अपनाई गई मौजूदा नीति की पुरजोर वकालत करते हुए बताया कि अगर वे (पुलिसबल) केंद्र शासित प्रदेश में नागरिकों, सुरक्षा बलों की जान बचा रहे हैं तो वे पूरी तरह से सफल हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को लगभग एक हजार नये पुलिसकर्मियों के बल में शामिल होने से क्षेत्र में घुसपैठ रोधी और आतंकवाद रोधी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त इन पुलिसकर्मियों को बल में शामिल कर सीमा सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है।

ऐसे मजबूत होगा मानव खुफिया तंत्र

रिपोर्ट के मुताबिक,  इन विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों को उनकी संबंधित सीमावर्ती तहसीलों में तैनात करने के पीछे का उद्देश्य मानव खुफिया तंत्र को मजबूत करना है। चूंकि ये कर्मी स्थानीय हैं, इसलिए उम्मीद है कि उन्हें क्षेत्र में किसी भी असामान्य गतिविधि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी। इससे पुलिस और सुरक्षा बलों को सीमा के पास ही घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों से निपटने में भी मदद मिलने की उम्मीद है।

पिछले महीने, सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किए बिना डोडा और रियासी जिलों के दूरदराज के इलाकों में आतंकवादी पहुंच गए थे। कठुआ जिले के सैदा गांव में, जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। हालांकि ये आतंकी किसी तरह गांव पहुंचे थे और उन्होंने पानी के लिए एक दरवाजा खटखटाया जिससे ग्रामीण चौंकन्ने हो गए और उन्होंने पुलिस को अलर्ट कर दिया था। डोडा जिले में, पुलिस और सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया और तीन आतंकवादियों को मार गिराया।

क्या है अमेरिकी मरीन कॉर्प्स?

अमेरिकी मरीन कॉर्प्स (United States Marine Corps – USMC) अमेरिकी सशस्त्र बलों की एक शाखा है जो समुद्री, थल, और हवाई अभियानों में महारत रखती है। मरीन कॉर्प्स की स्थापना 10 नवंबर, 1775 को हुई थी और इसका मुख्यालय अर्लिंगटन, वर्जीनिया में स्थित है। मरीन कॉर्प्स का मुख्य कार्य क्विक रिएक्शन फोर्स के रूप में काम करना है। इसे दुश्मन के खिलाफ आक्रमण करने, क्षेत्रीय रक्षा, और विशेष अभियानों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। मरीन कॉर्प्स अपने उच्च स्तर के प्रशिक्षण, अनुशासन, और युद्धक कौशल के लिए जाना जाता है। मरीन का मुख्य कार्य दुश्मन के इलाके में तेज और प्रभावी आक्रमण करना है। उच्च जोखिम वाले और संवेदनशील मिशनों को अंजाम देना, जिसमें आतंकवाद विरोधी अभियान भी शामिल हैं। अब इसी की तर्ज पर जम्मू कश्मीर के पुलिसकर्मियों की एक स्पेशल टुकड़ी को तैयार किया गया है।