ऐप पर पढ़ें
पाकिस्तानी जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीफ जस्टिस के एक तरफा फैसलों के खिलाफ भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। जेल में इमरान खान से मिलने गए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा अपने एक तरफा फैसलों को नहीं सुधारते और पीटीआई के वर्करों, नेताओं और इमरान खान के खिलाफ इसी तरह के गलत फैसले देते रहे, तो पार्टी के सबसे बड़े नेता भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
पीटीआई के नेता शमीम नकवी ने कहा कि अगर इमरान खान जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठते हैं तो इससे पूरे देश में भूख हड़ताल शुरू हो सकती है, जो कि देश की सेहत के लिए अच्छी बात नहीं होगी।
रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद इमरान ने मुख्य न्यायाधीश की अपने और अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से जुड़े केसों में जरूरत से ज्यादा भागीदारी पर भी सवाल उठाए। 71 वर्षीय नेता ने कहा कि मेरी लीगल टीम ने लगातार इस बात को लेकर अपनी चिंताओं को मेरे सामने रखा है कि हमारे मामले की हर सुनवाई में चीफ जस्टिस शामिल होते हैं और लगातार हर फैसला हमारे खिलाफ ही जाता दिखता है, जिससे पार्टी कार्यकर्तोओें में यह भावना बनने लगी है कि इस तरीके से हमें न्याय नहीं मिलेगा। अगर चीफ जस्टिस अपने रवैए में बदलाव नहीं करते हैं और हमें न्याय नहीं देते हैं तो मैं भूख हड़ताल पर बैठ जाऊंगा।
इमरान को भरोसा ईसा नहीं करेंगे न्याय
इमरान ने कहा कि पूर्व न्यायधीश गुलजार अहमद ने कहा था कि ईसा पीटीआई के मामलों की सुनवाई नहीं कर सकते, लेकिन अब ईसा लगभग हर केस की बैंच में शामिल होते हैं। पीटीआई के लीगल टीम का मानना है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा या तो चीफ जस्टिस अपने रवैये में सुधार करें या फिर हमारे मामलों की सुनवाई कोई और करे। उन्हें( पाकिस्तानी फौज और सरकार) को लगता है कि मेरी पार्टी कमजोर है, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए की मेरी पार्टी के पास सबसे मजबूत वोटिंग बेस है।
ईसा बोले- मैं नहीं करता फैसला की किसको कौनसा केस मिलेगा
मुख्य न्यायाधीश ईसा ने पीटीआई के एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि विभिन्न मामलों की सुनवाई के लिए गठित पैनल उनके द्वारा नहीं बल्कि अदालत के तीन वरिष्ठतम न्यायाधीशों की एक समिति द्वारा गठित किए जाते हैं और वह सिर्फ तीन सदस्यों में से एक हैं।
दरअसल, खान और ईसा के बीच में एक दूसरे पर अविश्वास का पुराना इतिहास रहा है, खान के प्रधानमंत्री रहते ईसा को न्यायाधीश पद से हटाने के लिए खान द्वारा एक शिकायत की गई थी, जिसके नतीजे के रूप में ईसा और उनकी पत्नी को एक कठिन न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और बाद में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया था।
खान के ऊपर इस समय कई केस चल रहे हैं, जिसमें से मुख्य रूप से अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उनके और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के ऊपर रिश्वत के रूप में अरबों रुपये की जमीन लेने का आरोप है।