देश में डिजिटल अरेस्ट के जरिए ऑनलाइन ठगी के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है। यहां ठगी का शिकार हुए शख्स ने पुलिस को बताया कि आरोपियों से वीडियो कॉलिंग पर बात करते समय एक तरह से वह हिप्नोटाइज हो गया था। पैसे ट्रांसफर करने और कॉल काटने के बाद मुझे अहसास हुआ कि ठगी हुई है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ठगी का एक नया तरीका सामने आया है। इसमें ऑनलाइन सम्मोहन (हिप्नोटाइज) कर ई-अरेस्ट के नाम पर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।
कॉल करने वाला खुद को ईडी, सीबीआई और आरबीआई के अधिकारी बनकर यह बताते हैं कि आपके लिए विदेश से आए पार्सल में फर्जी पासपोर्ट, एटीएम कार्ड व ड्रग्स मिला है। इसके बाद डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया जाता है। साथ ही सबूत नष्ट करने के नाम पर ठगी कर ली जाती है।
डिजिटल अरेस्ट की पूरी कहानी पीड़ित की जुबानी
24 सितंबर की शाम, सपन चक्रवर्ती बिलासपुर के भारतीय नगर स्थित अपने घर पर मोबाइल पर वीडियो देख रहे थे, तभी एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को कस्टम अधिकारी बताया, बातचीत कुछ इस तरह हुई।
- कस्टम अधिकारी अतुल सिंह: क्या आप सपन चक्रवर्ती बोल रहे हैं, आपके नाम पर मलेशिया से एक पार्सल आया है, जिसमें 16 पासपोर्ट, फर्जी 58 एटीएम कार्ड व 140 ग्राम ड्रग्स (एमडीएमए) है। क्या आप यही काम करते हैं।
- सपन चक्रवर्ती: मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मैं ऐसे किसी काम में शामिल नहीं हूं।
- कस्टम अधिकारी: ठीक है, अब दिल्ली पुलिस आपसे बात करेगी।
(कुछ ही देर बाद वीडियो कॉल आया। काल में दिल्ली पुलिस के प्रतीक चिह्न और बैकग्राउंड में वायरस की आवाजें, जिसमें वीआईपी मूवमेंट व दिशा-निर्देश सुनाई दे रहे थे।)
- डीएसपी: दिल्ली पुलिस से मैं डीएसपी सुनील कुमार, आप दिल्ली आ जाइए और यहां जांच में सहयोग करें।
- सपन चक्रवर्ती: मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं दिल्ली नहीं आ सकता।
- डीएसपी: ठीक है, लेकिन हमें यकीन दिलाना होगा कि आप जांच में सहयोग करेंगे।
वीडियो काल के दौरान सवाल-जवाब होते रहे और माहौल को डरावना बनाने के लिए बैकग्राउंड में गाली-गलौज और चीख-पुकार की आवाजें सुनाई दे रही थी।
सीबीआई का डर दिखाकर ठगी
सपन चक्रवर्ती ने बताया कि कुछ देर बाद कॉल सीबीआई अधिकारी से जोड़ दिया गया।
सीबीआई अधिकारी अनिल यादव: आपको जांच में सहयोग करना होगा। विश्वास दिलाने के लिए 95 हजार ट्रांसफर करें। यह राशि जांच पूरी होने के बाद लौटाई जाएगी।
सपन चक्रवर्ती ने आरबीएल बैंक की एक आईडी पर पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद दो घंटे तक सवाल-जवाब के बहाने उन्हें वीडियो कॉल पर रोके रखा गया। कॉल कटने के बाद सपन को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं।
मुझे लगा मै हिप्नोटाइज हो चुका हूं
सपन चक्रवर्ती ने बताया कि जब मुझे डिजिटल अरेस्ट कर पूछताछ की जा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे अधिकारी मेरे सामने बैठकर पूछताछ कर रहे हैं। मैं पूरी तरह से सम्मोहित हो गया था। फोन कटने के बाद ही समझ आया कि मेरे साथ कुछ गलत हुआ है।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर होल्ड कराए कुछ रुपए
सपन चक्रवर्ती ने दो घंटे बाद भी जब रकम अकाउंट में नहीं आए तो साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि उनके अकाउंट से ट्रांसफर हुए 95 हजार रुपये में से 50 हजार रुपये जोधपुर के भावदिया से एटीएम के माध्यम से निकाले जा चुके हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर 45 हजार रुपये होल्ड करा दिए।
सतर्क रहें, ठगी से बचें: निमितेश सिंह, सीएसपी सिविल लाइन
- अनजान कॉल्स और वीडियो कॉल्स पर विश्वास न करें।
- सरकारी एजेंसियों के नाम पर डराने वाले काल्स की तुरंत शिकायत करें।
- किसी भी अनजान खाते या नंबर पर पैसे ट्रांसफर न करें।
- साइबर ठगी की शिकायत के लिए तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
- सतर्कता और जागरूकता ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।