इंदौर में 71 वर्षीय एक बुजुर्ग ने साइबर अपराधियों द्वारा 40 लाख 70 हजार रुपये की ठगी का सामना किया। आरोपितों ने उन्हें जाली गिरफ्तारी वारंट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश भेजकर धमकाया। बुजुर्ग ने उनकी बातों में आकर विभिन्न खातों से पैसे ट्रांसफर किए। अपराध शाखा ने मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
निजी कंपनी में नौकरी करने वाले 71 वर्षीय वृद्ध साइबर अपराध का शिकार हो गए। साइबर अपराधियों ने गिरफ्तारी वारंट और सुप्रीम कोर्ट के जाली आर्डर भेजकर उन्हें धमकाया। फर्जी ट्रांजेक्शन का आरोप लगाया और अलग-अलग खातों में 40 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए।अपराध शाखा ने आरोपितों पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है।
बुजुर्ग के खाते में संदिग्ध ट्रांजेक्शन
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक, घटना शिवधाम कालोनी खंडवा रोड में रहने वाले वृद्ध के साथ हुई है। वह वायर कंपनी में नौकरी करते हैं। तीन अक्टूबर को साइबर अपराधी ने बांद्रा (मुंबई) पुलिस के नाम से वाट्सएप से कॉल लगाया। वृद्ध को धमकाते हुए कहा कि मुंबई स्थित कैनरा बैंक में खोले गए खाते में दो करोड़ 60 लाख रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ है। इसमें राशि का 15 प्रतिशत कमीशन तुम्हें मिला है।
एफआईआर के नाम पर डराया
वृद्ध का मुंबई की किसी भी बैंक में खाता नहीं था। ठग ने उन्हें डराया और कहा कि तुम्हारे विरुद्ध एफआइआर दर्ज हो चुकी है। तत्काल सीबीआइ, ईडी और सुप्रीम कोर्ट के जाली आर्डर वाट्सएप पर भेज दिए। आरोपितों ने कहा कि सीबीआई की एक टीम गिरफ्तार करने पहुंचने वाली है। पुलिस इस मामले में कैनरा बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार कर चुकी और उसके घर से फर्जी बैंक पासबुक मिली है।
गिरफ्तारी की बात सुन घबराया बुजुर्ग
एडीसीपी के मुताबिक, गिरफ्तारी से वृद्ध घबरा गए। आरोपितों ने कहा कि सीनियर अफसर से गुहार लगा कर गिरफ्तारी टाली जा सकती है। सीबीआई के सीनियर अफसर आकाश कुलकर्णी जांच कर दोषमुक्त कर सकते हैं। आरोपितों ने कथित सीबीआई अफसर को कॉल ट्रांसफर कर दी।
उसने काफी देर पूछताछ की। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की सारी जानकारी ले ली। आरोपितों ने कहा कि कमीशन के रुपयों की जांच आरबीआई से करवाना होगी। इसके लिए तुम्हारे खातों की संपूर्ण राशि आरबीआई के खातों में जमा करनी होगी।
रुपये आते ही मोबाइल बंद कर दिया
आरोपितों की बातों में वृद्ध आ गए और 27 लाख 96 हजार रुपये कैश ट्रांसफर कर दिए। चार लाख 46 हजार 581 रुपये एफडी तोड़कर जमा करवाए। ठग इसके बाद भी पूछताछ और धमकी देते रहे। वृद्ध ने एक अन्य बैंक से एफडी तोड़ी और नौ लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। कुल 40 लाख 70 हजार रुपये लेने के बाद आरोपितों ने कहा कि सत्यापन के बाद राशि लौटा दी जाएगी।
काफी देर तक रुपये न आने पर वृद्ध ने कॉल लगाया तो आरोपितों के मोबाइल बंद मिले। पीड़ित ने स्वजन को घटना बताई और एनसीआरपी पोर्टल 1930 पर शिकायत की। अपराध शाखा ने बयान लेकर मंगलवार को प्रकरण दर्ज कर लिया।
विज्ञानी-डॉक्टर सहित 35 लोगों से तीन करोड़ रुपये ठगे
साइबर अपराधी अभी तक 35 लोगों को निशाना बना चुके हैं। इसमें आरआर कैट के विज्ञानी, डाक्टर, इंजीनियर और रिटायर बैंक अफसर शामिल हैं। अपराध शाखा के एडीसीपी के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने करीब तीन करोड़ रुपये की ठगी की है। हालांकि शिकायत के बाद अपराध शाखा 70 लाख से ज्यादा की राशि लौटा चुकी है।