बांधवगढ़ में चार हाथियों की मौत हो गई। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, ये हाथी संभवतः जहरीले पदार्थ या कीटनाशक से प्रभावित धान की फसल खाने के कारण बीमार हुए थे। मंगलवार को 13 जंगली हाथी अचानक बीमार पड़े, जिनमें से चार की हालत गंभीर थी।
जिले के बांधवगढ़ में मंगलवार को चार हाथियों की बीमार होने के बाद मौत हो गई। वन विभाग के सूत्रों से यह जानकारी सामने आ रही है कि हाथी किसी जहरीली वस्तु को खाने के बाद बीमार हुए हैं। हालांकि वह वस्तु गांव के लोगों द्वारा दिया जाने वाला जहर अथवा धान की वह फसल भी हो सकती है, जिस पर कीट नाशक छिड़का गया होगा।
13 जंगली हाथी अचानक हुए बीमार
इस मामले को लेकर अभी वन प्रबंधन ने अपनी तरफ से कोई जानकारी साझा नहीं की है। यह जानकारी वन विभाग से जुड़े लोगों के माध्यम से सामने आई है कि मंगलवार को 13 जंगली हाथी अचानक से बीमार हो गए थे। इनमें से चार हाथी तो जमीन पर गिरकर छटपटाने लगे थे। कुछ देर छटपटाने के बाद इन जंगली हाथियों की एक-एककर मौत हो गई है। हालांकि मरने वाले हाथियों की संख्या को लेकर अभी यह असमंजस भी बना हुआ है कि वे तीन हैं अथवा चार।
इस तरह हुई घटना
बताया गया है कि जंगली हाथियों का एक झुंड मंगलवार की रात को पतौर और पनपथा के मध्य राजस्व भूमि पर फैले खेतों में घुस गया था। यहां इन सभी हाथियों ने धान की फसल को जमकर रौंदा और उसे खाया। वहां से फसल खाने के बाद यह सभी जंगली हाथी खितौली रेंज में पहुंच गए और यहां पहुंचने के बाद यह बीमार होने लगे।
इस झुंड में शामिल चार हाथियों की हालत तेजी से बिगड़ने लगी और इमें से तीन की सुबह ही मौत हो गई थी जबकि चौथ हाथी दोपहर तक तड़पता रहा। यह हाथी कभी शांत हो जाता था और कभी तड़पने लगता था।
हांथियों का चल रहा उपचार
मामले की जानकारी मिलने के बाद वन अमला मौके पर पहुंच गया, लेकिन उन्हें हाथियों के पास पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इस दौरान बांधवगढ़ के डॉक्टर ने अनुमान के आधार पर कुछ दवाइयां डार्ट से हाथियों के शरीर में इंजेक्ट की। हाथियों के उपचार का अभियान अंधेरा होने के बाद भी चलता रहा।