भगवत गीता में भी लिखा है… सुपरस्टार नागार्जुन की बिल्डिंग पर बुलडोजर ऐक्शन के बाद ऐसा क्यों बोले तेलंगाना CM

भगवत गीता में भी लिखा है… सुपरस्टार नागार्जुन की बिल्डिंग पर बुलडोजर ऐक्शन के बाद ऐसा क्यों बोले तेलंगाना CM


तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार नागार्जुन के सह-स्वामित्व वाले एक ‘एन-कन्वेंशन सेंटर’ पर बुलडोजर ऐक्शन के बाद तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार झीलों पर अतिक्रमण करने वालों को नहीं बख्शेगी, भले ही वे समाज में प्रभावशाली हों। रेवंत रेड्डी ने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा कि वे भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों का पालन ही कर रहा हैं।

‘हरे कृष्ण मूवमेंट’ के एक कार्यक्रम में रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह भगवान कृष्ण के उपदेशों का पालन करेंगे, जो यह सिखाते हैं कि लोगों की भलाई के लिए धर्म का पालन करना चाहिए और अधर्म को पराजित करने के लिए संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने सुपरस्टार नागार्जुन के सह-स्वामित्व वाले एन-कन्वेंशन सेंटर पर ध्वस्तीकरण ऐक्शन को जायज ठहराया।

तेलंगाना सरकार ने ‘हैदराबाद डिजास्टर रिस्पांस एंड एसेट प्रोटेक्शन एजेंसी’ (एचवाईडीआरएए), ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी), नगर नियोजन, सिंचाई और राजस्व विभागों के अधिकारियों ने शनिवार को झील के ‘फुल टैंक लेवल’(एफटीएल)/ बफर क्षेत्र में अतिक्रमण हटा दिए। हटाए गए अनधिकृत ढांचों में नागार्जुन के सह-स्वामित्व वाला ‘एन-कन्वेंशन सेंटर’ भी शामिल था।

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘एन-कन्वेंशन’ का निर्माण ‘फुल टैंक लेवल’(एफटीएल)/ बफर क्षेत्र में किया गया था और इसके पास कोई भी निर्माण अनुमति नहीं है।

मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, “यही वजह है कि दबावों के बावजूद, हालांकि (कुछ हमारे) दोस्तों के पास फार्महाउस हैं, एचवाईडीआरएए (झीलों और सरकारी संपत्तियों की रक्षा के लिए) बनाया गया। मैं इसका हिस्सा बनकर लोगों के लिए कुछ अच्छा करना चाहता हूं। हमारा एकमात्र उद्देश्य इन झीलों को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करना है। हम अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। हालांकि दबाव हैं, हम पीछे नहीं हटेंगे और इन अतिक्रमणों को हटा देंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि झीलों के पास बने कुछ फार्महाउस सीवर के पानी को पीने के पानी के स्रोतों जैसे कि गंडिपेट में छोड़ते हैं, जो शहर के कुछ हिस्सों को पेयजल की आपूर्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि वह झीलों और लोगों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे, तो वह सच्चे जनप्रतिनिधि नहीं होंगे।