अबू धाबी के क्राउन प्रिंस खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान अगले महीने भारत की यात्रा पर होंगें। नाहयान संयुक्त अरब अमीरात के अगले नेतृत्व के दावेदार हैं। वह भारत और यूएई के बीच व्यापार और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बातचीत करने के अगले महीने की शुरुआत में भारत में शिरकत करेंगे। शेख खालिद के 8 सितंबर को भारत आने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और यह यात्रा आने वाले दशकों में भविष्य के संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर केंद्रित होगी। एक अधिकारी ने बताया, “भारत और यूएई के बीच संबंध अब बहुत मजबूत स्थिति में हैं और इस यात्रा के दौरान उस आधार को और मजबूत करने, आने वाले दशकों की ओर बढ़ने और यूएई के भविष्य के नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने पर जोर होगा।”
नाम न बताने की शर्त पर मामले से परिचित लोगों ने बताया कि हालांकि इस यात्रा के दौरान किसी समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा व्यापार से लेकर सुरक्षा तक के क्षेत्रों में और मजबूत संबंध बनाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने की उम्मीद है। यह यात्रा हाल के सालों में दोनों पक्षों की ओर से हुई कई हाई-प्रोफाइल यात्राओं के बाद होगी। पीएम मोदी ने 2015 से यूएई का सात बार दौरा किया है। यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान जिन्हें एमबीजेड के नाम से भी जाना जाता है ने आखिरी बार सितंबर 2023 में भारत का दौरा किया था। एमबीजेड ने अपने बेटे शेख खालिद 42 को मार्च 2023 में अबू धाबी का क्राउन प्रिंस घोषित किया था। तब से शेख खालिद ने शायद ही कभी विदेश यात्रा की है। पिछले साल मई में उन्होंने मलेशिया का दौरा किया था।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है यूएई
गौरतलब है कि 2022 में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लागू होने के बाद से वित्त वर्ष 23 में दोतरफा व्यापार बढ़कर लगभग 85 बिलियन डॉलर हो गया है। यूएई अमेरिका और चीन के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है। भारत यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार भी है जो इसके कुल विदेशी व्यापार का 9% और गैर-तेल निर्यात का 14% हिस्सा है। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक भारत के साथ यूएई के गैर-तेल व्यापार का मूल्य अगले पांच वर्षों में 100 बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। यूएई भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक भी है।
यूएई में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं भारतीय
द्विपक्षीय संबंधों में एक और महत्वपूर्ण कारक यूएई में 3.5 मिलियन भारतीय नागरिकों की उपस्थिति भी है जो कि आबादी का 30% है। यूएई में भारतीय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं और उनके द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि विदेशी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूएई और सऊदी अरब के शीर्ष नेतृत्व के बीच संबंधों में कुछ तनाव है।