मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का फर्जी एफडी कांड में जबलपुर का नाम भी जुड़ा गया। आरबीएल ने पांच जुलाई 2022 को स्मार्ट सिटी को बैंक खाते का जो विवरण भेजा उसमें खाते का प्रकार ‘चालू’ था। इस मामले में बैंक प्रबंधन से संपर्क करने पर प्रक्रिया में संदेह हुआ। कुमार मयंक द्वारा उपलब्ध कराए गए ब्याज संबंधी राशि के विवरण में भी गड़बड़ी मिली।
भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का फर्जी एफडी कांड फिर चर्चा में है। यह प्रकरण अब जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में हुए आर्थिक घोटाले से जुड़ गया है।
जबलपुर स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड ने सरकारी बैंक में जमा करोड़ों रुपये की राशि को इंदौर के एक निजी बैंक (आरबीएल) जमा किया था। बैंक प्रबंधन ने हेरा-फेरी करते हुए बचत खाते को चालू खाते में बदल दिया। इस खेल में स्मार्ट सिटी को एक करोड़ 31 लख रुपये का चूना लगा है।
तत्कालीन टास्क मैनेजर पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध
मामले में गुरुवार को मदन महल थाने में आरबीएल बैंक इंदौर की विजयनगर शाखा के तत्कालीन टास्क मैनेजर कुमार मयंक के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में हुए आर्थिक घोटाले की शुरुआत …
- कुमार मयंक आरजीपीवी फर्जी एफडी कांड में भी आरोपित है।
- तब वह आरबीएल बैंक की पिपरिया शाखा का टास्क मैनेजर था।
- वित्तीय अनियमितता का मामला 4 मार्च 2022 से 9 जून 2023 का।
- आरबीएल बैंक इंदौर की विजयनगर शाखा के टास्क मैनेजर ने दिया प्रस्ताव।
- जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 24 मार्च 2022 को आरबीएल में बचत खाता खोला।
- तत्कालीन टास्क मैनेजर कुमार मयंक 6.25 प्रतिशत ब्याज दर निर्धारित हुई।
16 करोड़ 80 लाख 2 हजार 647 रुपये आरबीएल के नए खाते में स्थानांतरित किया
30 मार्च को स्मार्ट सिटी में इंडियन बैंक के अपने खाते से 16 करोड़ 80 लाख 2 हजार 647 रुपये आरबीएल के नए खाते में स्थानांतरित किया। इसी वर्ष जून में अलग-अलग खाते से दो बार में 40 करोड़ रुपये आरबीएल में स्थानांतरित किए गए।
दो अलग-अलग विवरण पत्र में अंतर के साथ स्मार्ट सिटी को ब्याज में धोखा मिला
दो अलग-अलग विवरण पत्र में राशि में अंतर पाया गया। इस दौरान हेरा फेरी के कारण स्मार्ट सिटी को ब्याज के रूप में लगभग एक करोड़ 31 लाख रुपये की क्षति हुई।