हिंसा व हिरासत में मौत के बाद एक्शन में छत्तीसगढ़ सरकार, कबीरधाम के कलेक्टर व एसपी को हटाया

हिंसा व हिरासत में मौत के बाद एक्शन में छत्तीसगढ़ सरकार, कबीरधाम के कलेक्टर व एसपी को हटाया


छत्तीसगढ़ सरकार ने कबीरधाम जिले में भीड़ द्वारा की गई हिंसा और हिरासत में हुई एक शख्स की मौत के बाद वहां के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तबादला कर दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों से मारपीट किए जाने की सूचना पर रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया है।

सरकार ने कबीरधाम जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कलेक्टर नियुक्त किया गया है। वहीं कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया है।

राज्य शासन ने महोबे को प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम के पद पर तथा अभिषेक पल्लव को पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पदस्थ किया है। अधिकारियों ने बताया कि कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कबीरधाम जिले के लोहारीडीह गांव में 15 सितंबर को उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में हुई आगजनी और उनकी मौत की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी कबीरधाम ने अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी निर्भय कुमार साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें 30 दिनों के भीतर निर्धारित बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

बता दें कि बीते रविवार को रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में भीड़ ने उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगा दी थी। इस घटना में रघुनाथ साहू की मौत हो गई थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि रघुनाथ साहू पर हमला इस संदेह के कारण किया गया था कि उसने एक अन्य ग्रामीण कचरू साहू की हत्या की थी। कचरू साहू का शव पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के अंतर्गत बीजाटोला गांव में एक पेड़ पर लटका हुआ मिला था।

उप-सरपंच के घर हुई आगजनी के आरोप में 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, इसके बाद 18 सितंबर को न्यायिक हिरासत में प्रशांत साहू नाम के एक व्यक्ति की मौत ने और भी हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्षी नेताओं का दावा है कि साहू को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला, इस आरोप को उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी स्वीकार किया। जिसके बाद कबीरधाम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया, और हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई।

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 19 सितंबर को गांव का दौरा किया और डिप्टी सीएम शर्मा के इस्तीफे की मांग की। साथ ही कांग्रेस ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी ने राज्य सरकार पर इस घटना को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए राज्य की बिगड़ती कानून और व्यवस्था की स्थिति को उजागर करने के लिए शनिवार को एक दिवसीय छत्तीसगढ़ बंद की घोषणा की थी।