22 साल की उम्र में क्रिकेट से लिया संन्यास, धोनी व कोहली की दौलत इनके सामने फीकी… ये हैं दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेटर

22 साल की उम्र में क्रिकेट से लिया संन्यास, धोनी व कोहली की दौलत इनके सामने फीकी… ये हैं दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेटर


आर्यमन बिड़ला ने क्रिकेट और व्यापार दोनों में अपनी पहचान बनाई है। कुमार मंगलम बिड़ला के बेटे, आर्यमन ने रणजी ट्रॉफी और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन आईपीएल में डेब्यू नहीं कर पाए। उन्होंने खेल के जरिए अपने परिवार की छवि को बदलने की कोशिश की।

भारत में क्रिकेट के प्रति दीवानगी हमेशा से ही जबरदस्त रही है। सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। क्रिकेट के इस खेल में मशहूर खिलाड़ी बनने के बावजूद वे देश के सबसे अमीर क्रिकेटर नहीं हैं। यह खिताब आर्यमन बिड़ला के नाम है, जो कारोबार दोनों में अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

क्रिकेट में आर्यमन बिड़ला की शुरुआत

आर्यमन बिड़ला भारतीय उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के बेटे हैं। उनकी संपत्ति 70 हजार करोड़ रुपये के आसपास है। आर्यमन ने क्रिकेट में भी अपनी पहचान बनाने की कोशिश की। उनका क्रिकेट करियर 2017-18 सीजन में मध्य प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी से शुरू हुआ था। उसके बाद उन्होंने 2018 में आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स से जुड़कर अपनी यात्रा को और आगे बढ़ाया।

क्रिकेट में उनका प्रदर्शन

आर्यमन ने रणजी ट्रॉफी और सीके नायडू ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया। वह मध्य प्रदेश के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी के तौर पर सम्मानित भी हो चुके हैं।

उन्होंने सीके नायडू ट्रॉफी में 4 शतक लगाए और छह मैचों में 79.50 के औसत से 795 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने नौ प्रथम श्रेणी मैचों में 414 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल थे।

आईपीएल में मौका नहीं मिला

आर्यमन का आईपीएल करियर पूरी तरह से सफल नहीं रहा। उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के साथ दो सीजन बिताए, लेकिन उन्हें आईपीएल में डेब्यू करने का मौका नहीं मिला। उसके बाद फ्रैंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया। उन्होंने 2019 में पेशेवर क्रिकेट से एक कदम पीछे हट लिया।

क्रिकेट में बनाई खुद की पहचान

आर्यमन ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बात करते हुए कहा कि जब लोग उन्हें उनके परिवार के बजाय उनके खेल के लिए पहचानने लगे, तो उन्हें बहुत खुशी हुई। क्रिकेट उनके लिए विश्वास और सम्मान अर्जित करने का सबसे अच्छा तरीका है। मैंने रन बनाना शुरू किया, तो लोगों ने मुझे एक अलग नजरिए से देखना शुरू कर दिया।

आर्यमन ने यह भी बताया कि क्रिकेट में उन्हें पहले ‘बिड़ला का बेटा’ और ‘बिड़ला का पोता’ के रूप में पहचाना जाता था, लेकिन अपने खेल के प्रदर्शन के जरिए उन्होंने यह धारणा बदलने में सफलता पाई।