हाथरस सत्संग वाला बाबा क्यों रखता है 24 घंटे ब्लैक कमांडो और नारी सेना, किससे कैसा खतरा?

हाथरस सत्संग वाला बाबा क्यों रखता है 24 घंटे ब्लैक कमांडो और नारी सेना, किससे कैसा खतरा?


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Hathras Satsang Baba Bhole:  भोले बाबा के नाम से मशहूर स्वयंभू बाबा सूरजपाल ने आज शाम एक बयान जारी कर हाथरस में मची भगदड़ के लिए असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। बाबा को उत्तर प्रदेश में काफी लोकप्रियता हासिल रही है। उसकी लोकप्रियता और भक्तों के बीच उसके प्रति लगाव और श्रद्धा का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भक्तों के दान से मैनपुरी जिले में करोड़ों का आलीशान आश्रम बनाया गया है। बाबा नियमित तौर पर अपने आश्रम समेत अलग-अलग हिस्सों में सत्संग करता रहा है। उसे मानव मंगल मिलन समागम नाम दिया जाता था।

भक्तों के बीच मशहूर सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि पिछले कई साल से यौन उत्पीड़न का आरोप भी झेल रहा है। इसके अलावा भी वह कई कानूनी मसलों में घिरा हुआ है। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई इलाकों में बसे उसके अनुयायियों पर इसका कोई असर नहीं दिखा है। हालांकि, बाबा की सुरेक्षा घेरेबंदी से इस बात के संकेत मिलते हैं कि बाबा पर उसका व्यापक असर पड़ा है। इसी वजह से बाबा ने अपनी सुरक्षा चाक चौबंद कर ली थी।

सूरजपाल चौबीसों घंटे ब्लैक कमांडों से घिरा रहता है। उसे संदेह था कि कोई उसपर जानलेवा हमला कर सकता है। NDTV की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्वयंभू बाबा को इतना भय था कि वह पिछले आठ सालों से एटा जिले के अपने गांव में नहीं आ सका है। बाबा ने अपनी सुरक्षा घेरा मजबूत करते हुए नारी सेना भी बहाल कर रखी थी। इसके अलावा उसने आश्रम के एक कोने में गुप्ता कमरा भी बनवा रखा है। वहां सिर्फ चुने हुए सात लोगों को ही जाने की इजाजत है। इन सात लोगों में सेवादार और कुछ महिलाएं शामिल हैं, जो शुरू से ही उसके साथ रहते आए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बाबा रात आठ बजे के बाद किसी से नहीं मिलता था। उसे खतरे की आशंका घेरे रहती थी। इसके अलावा बाबा की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों का एक कोड वर्ड होता था। बाबा की सुरक्षा में लगे हर सुरक्षा दस्ते का एक अलग ड्रेस होता था। इतना ही नहीं स्वयंभू बाबा की सुरक्षा में चौबीसों घंटे तीन सुरक्षा दस्ता ड्यूटी पर तैनात रहता है। इन दस्तों के नाम नारायणी सेना, गरुड़ योद्धा और हरि वाहक हैं।

नारायणी सेना के सुरक्षा गार्ड जहां गुलाबी पोशाक पहनते हैं, वहीं गरुड़ योद्धा काली ड्रेस पहनते हैं। इसे ही ब्लैक कमांडो कहा जाता है। इसके अलावा हरि वाहक सदस्य भूरे रंग की पोशाक पहनते हैं और टोपी पहनते हैं। ब्लैक कमांडो बाबा का काफिले के साथ चलता है और हमेशा 20 सदस्यों की टुकड़ी के रूप में तैनात रहता है। नारायणी सेना की टुकड़ी में 50 जबकि हरि वाहक की टुकड़ी में 25-35 सदस्य होते हैं।

बता दें कि मंगलवार को हाथरस  के बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 भक्तों की जान चली गई। प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील ने बुधवार को दावा किया कि अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं। प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील ए. पी. सिंह ने कहा कि मंगलवार की भगदड़ की जांच कर रहे राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए भी वे तैयार हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है।