कभी नहीं हारा इजरायल, क्या ईरान बदल देगा इतिहास? इन्हें स्वाद चखा चुका है यहूदी देश

कभी नहीं हारा इजरायल, क्या ईरान बदल देगा इतिहास? इन्हें स्वाद चखा चुका है यहूदी देश


Israel never lost will Iran change history: ईरान ने कहा कि उसे उम्मीद है कि लेबनान का हिजबुल्लाह समूह इजरायल के अंदर तक हमला करेगा। उसने ये भी कहा है कि हमले केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहेंगे। हिजबुल्लाह इजरायली सेना के साथ लगभग रोजाना गोलीबारी कर रहा है। हिजबुल्लाह को ईरान का पूरा समर्थन है। इस बीच पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के मद्देनजर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने वहां लड़ाकू विमानों का दस्ता और विमान वाहक पोत तैनात करने का फैसला किया है। पेंटागन ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान और उसके सहयोगियों के संभावित हमलों से इजरायल की रक्षा करने और अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम एशिया में सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय लिया है। 

ईरान ने कहा है कि इजरायल 10 महीनों से गाजा पट्टी में खून-खराबा और तबाही मचा रहा है तथा अब उसने अपने अपराधों की सीमा को लेबनान, ईरान और यमन तक फैला दिया है, लिहाजा उसे जल्द रोकना जरूरी है। ईरान के कार्यवाहक ईरानी विदेश मंत्री अली बाघेरी कानी ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल को अगर जल्द ही नहीं रोका गया तो पश्चिम एशिया और दुनिया भर की शांति खतरे में पड़ जायेगी। ईरान का इशारा युद्ध की ओर है। 

क्या ईरान इजरायल को हराकर इतिहास बदल सकता है?

इजरायल देश जबसे बना है तब से उसने कोई युद्ध नहीं हारा है। यहां तक कि उसने एक साथ कई देशों को हराया है। हालांकि ईरान का मामला उलट है। ईरान की आबादी और संसाधन इजरायल से अधिक हैं, जो उसे दीर्घकालिक संघर्ष में लाभ पहुंचा सकते हैं। ईरान के पास विकसित मिसाइल सिस्टम है जो इजरायल तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, ईरान के पास अपनी सेना के अलावा क्षेत्रीय मिलिशिया और समूहों (जैसे हिज्बुल्लाह) का समर्थन है।

ईरान की भूमि सेना में लगभग 5,50,000 सैनिक हैं। इसके अलावा, ईरान के पास एक मजबूत रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) है, जिसमें लगभग 1,25,000 सैनिक हैं जो विदेशी अभियानों में विशेषज्ञ है। ईरान के पास टैंकों, आर्टिलरी, और बख्तरबंद वाहनों का एक बड़ा बेड़ा है। ईरान की वायु सेना में फाइटर जेट्स, बॉम्बर्स, और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल हैं। हालांकि, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान की वायु सेना के उपकरण पुराने हो सकते हैं। ईरान की नौसेना में विभिन्न प्रकार के जहाज, पनडुब्बियां, और छोटी नावें शामिल हैं। ईरान ने हाल ही में अपनी नौसैनिक क्षमता में सुधार किया है और यह फारस की खाड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ईरान का मिसाइल कार्यक्रम इसकी सैन्य शक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके पास बैलिस्टिक मिसाइलों की एक बड़ी श्रृंखला है, जिनमें से कुछ इजरायल और मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों तक पहुंच सकती हैं।

इन सबके अलावा, ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय विवाद का विषय रहा है। हालांकि ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांति-पूर्ण उद्देश्यों के लिए है, पश्चिमी देशों को संदेह है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। यह मुद्दा ईरान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को प्रभावित करता है। ईरान विश्व के सबसे बड़े तेल और गैस भंडारों में से एक का मालिक है। यह देश अपने तेल और गैस के निर्यात से महत्वपूर्ण राजस्व अर्जित करता है। ईरान का मध्य पूर्व में बड़ा प्रभाव है, विशेषकर इराक, सीरिया, लेबनान, और यमन में। ईरान अपने सहयोगी समूहों (जैसे हिज़्बुल्लाह) के माध्यम से अपनी शक्ति को बढ़ाता है।

इन्हें स्वाद चखा चुका है यहूदी देश

इजरायल एक छोटा लेकिन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण देश है। उसने अपनी स्थापना के बाद से कई युद्धों और संघर्षों का सामना किया है। इन संघर्षों ने न केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। हालांकि इजरायल कभी भी युद्ध हारा नहीं है।

1. 1948 का अरब-इजरायली युद्ध (स्वतंत्रता संग्राम)

इजरायल की स्थापना 14 मई 1948 को हुई थी और इसके तुरंत बाद ही यह युद्ध प्रारंभ हो गया। यह युद्ध इजरायल और पांच अरब देशों – मिस्र, जॉर्डन, इराक, सीरिया, और लेबनान – के बीच लड़ा गया। इस युद्ध का मुख्य कारण इजरायल की स्थापना और अरब देशों द्वारा इसे मान्यता न देना था। अंततः इजरायल ने युद्ध में विजय प्राप्त की और अपने अस्तित्व को सुरक्षित किया।

2. 1956 का स्वेज संकट (सिनाई अभियान)

यह युद्ध इजरायल, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच मिस्र के खिलाफ लड़ा गया था। इसका मुख्य कारण मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासिर द्वारा स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण था। इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप पर आक्रमण किया और बाद में ब्रिटेन और फ्रांस ने मिस्र पर हवाई हमले किए। संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राज्य अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद संघर्ष समाप्त हुआ और सेनाएं वापस ले ली गईं। लेकिन इजरायल ने मिस्र को स्वाद चखा दिया था।

3. 1967 का छह दिवसीय युद्ध

यह युद्ध इजरायल और उसके पड़ोसी देशों – मिस्र, जॉर्डन, और सीरिया – के बीच लड़ा गया था। इजरायल ने पहले ही हवाई हमले कर मिस्र के वायुसेना को नष्ट कर दिया और फिर तेजी से सिनाई प्रायद्वीप, पश्चिमी तट, गाजा पट्टी और गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया। इस युद्ध में इजरायल की विजय ने मध्य पूर्व की राजनीति को पूरी तरह बदल दिया।

4. 1973 का योम किप्पूर युद्ध

इस युद्ध की शुरुआत योम किपुर पर्व पर हुई थी जब मिस्र और सीरिया ने संयुक्त रूप से इजरायल पर आक्रमण किया। यह युद्ध इजरायल के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि प्रारंभिक हमलों में इसे भारी क्षति का सामना करना पड़ा। हालांकि, इजरायल ने जल्द ही अपनी सेना को पुनर्गठित किया और युद्ध के अंत तक विजय प्राप्त की।

5. 1982 का लेबनान युद्ध

यह युद्ध इजरायल और लेबनान में स्थित फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (PLO) के बीच हुआ था। इजरायल ने लेबनान पर आक्रमण किया ताकि PLO के ठिकानों को नष्ट किया जा सके। यह युद्ध लेबनान की राजधानी बैरूत तक फैल गया और कई वर्षों तक चला। अंततः, 1985 में इज़राइल ने अपनी सेना को अधिकांश लेबनान से वापस बुला लिया, लेकिन दक्षिणी लेबनान में एक सुरक्षा क्षेत्र बनाए रखा।

6. 2006 का लेबनान युद्ध

यह युद्ध इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच हुआ था, जो लेबनान में स्थित एक शिया आतंकवादी संगठन है। इस युद्ध की शुरुआत हिज़्बुल्लाह द्वारा इजरायल पर किए गए रॉकेट हमलों और सैनिकों के अपहरण से हुई थी। इजरायल ने इसके जवाब में व्यापक हवाई हमले और जमीनी आक्रमण किए। युद्ध एक महीने से अधिक चला और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद समाप्त हुआ।

7. गाजा संघर्ष

इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में कई बार संघर्ष हुआ है। प्रमुख संघर्षों में 2008-2009 का गाजा युद्ध, 2012 का ऑपरेशन पिलर ऑफ डिफेंस, 2014 का ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज, और हाल ही के वर्षों में 2021 और 2022 के संघर्ष शामिल हैं। इसके अलावा, अब इजरायल और गाजा पर नियंत्रण रखने वाले हमास के बीच निर्णायक जंग चल रही है। 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमलों के बाद इजरायल उसे खत्म करने पर तुला है। इन संघर्षों में इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर व्यापक हवाई हमले किए और हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले किए।

इजरायल के साथ हुए युद्ध और संघर्ष उसकी भू-राजनीतिक स्थिति और इसके पड़ोसी देशों के साथ जटिल संबंधों का परिणाम हैं। हर युद्ध ने इजरायल की सैन्य शक्ति और रणनीतिक कुशलता को दिखाया है। साथ ही क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव भी लाए हैं।