नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को लगातार दूसरे साल सभी ग्लोबल केंद्रीय बैंक हेड में “A+” रेटिंग दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गवर्नर की सराहना करते हुए कहा कि यह उनके नेतृत्व की पहचान है और उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई दी है.
ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका से “A+” रेटिंग पाने वाले केवल तीन केंद्रीय बैंक गवर्नर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, डेनमार्क के क्रिश्चियन केटल थॉमसन और स्विट्जरलैंड के थॉमस जॉर्डन थे. इसके बाद ब्राजील के रॉबर्टो कैंपोस नेटो, चिली के रोसन्ना कोस्टा, मॉरीशस के हरवेश कुमार सीगोलम, मोरक्को के अब्देलतीफ जौहरी, साउथ अफ्रीका के लेसेतजा कगन्यागो, श्रीलंका के नंदलाल वीरसिंघे और वियतनाम के गुयेन थी होंग को “A” रेटिंग मिली है.
कंबोडिया के चिया सेरे, कनाडा के टिफ मैकलेम, कोस्टा रिका के रोजर मेड्रिगल लोपेज, डोमिनिकन के हेक्टर वाल्डेज अल्बिजु, यूरोपीय संघ के क्रिस्टीन लेगार्ड, ग्वाटेमाला के अल्वारो गोंजालेज रिक्की, इंडोनेशिया के पेरी वारजियो, जमैका के रिचर्ड बाइल्स, जॉर्डन के एडेल अल-शारकास, मंगोलिया के ब्याद्रन लखगवासुरेन, नॉर्वे के इडा वोल्डन बाचे, पेरू के जूलियो वेलार्डे फ्लोरेस, फिलीपींस के एली रेमोलोना, स्वीडन के एरिक थेडेन और USA के जेरोम हेडन पॉवेल को “A-” रेटिंग मिली है.
शक्तिकांत दास की रेटिंग ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका द्वारा की गई है, जिसने अपने ‘Central Banker Report Card 2024’ में केंद्रीय बैंक गवर्नरों को रेटिंग दी है. पत्रिका द्वारा “A+”, “A” या “A-” के उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने वाले गवर्नरों के नाम जारी किए गए थे.
यह पत्रिका यूरोपीय संघ, पूर्वी कैरेबियाई केन्द्रीय बैंक, मध्य अफ्रीकी राज्यों के बैंक और पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के केन्द्रीय बैंक के साथ-साथ लगभग 100 देशों, क्षेत्रों और जिलों के केन्द्रीय बैंक गवर्नरों को फोकस में रखती है.
PM नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “RBI गवर्नर को इस उपलब्धि के लिए बधाई और वह भी दूसरी बार. यह आरबीआई में उनके नेतृत्व और आर्थिक विकास और स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में उनके काम की पहचान है.”
कैसे तय होती है रैंकिंग?
यह पत्रिका महंगाई दर नियंत्रण, आर्थिक विकास लक्ष्य, मुद्रा स्थिरता और ब्याज दर प्रबंधन में सफलता दर के आधार पर “A+” से “AF” ग्रेड तक की रैंकिंग प्रदान करती है. ग्लोबल फाइनेंस के संस्थापक और संपादकीय निदेशक जोसेफ जियारापुटो ने कहा कि केंद्रीय बैंकरों ने पिछले कुछ सालों में महंगाई के खिलाफ एक्शन लिया है, जिसमें उन्होंने ब्याज दर को मुख्य हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है.