थाने में दादी-पोते की बेरहम पिटाई के मामले में ऐक्शन, जीआरपी थाना प्रभारी समेत 6 कर्मी सस्पेंड

थाने में दादी-पोते की बेरहम पिटाई के मामले में ऐक्शन, जीआरपी थाना प्रभारी समेत 6 कर्मी सस्पेंड


मध्य प्रदेश सरकार ने कटनी जिले में एक महिला और उसके पोते की पिटाई के मामले में थाना प्रभारी सहित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के छह कर्मचारियों को गुरुवार को सस्पेंड कर दिया। विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि पीड़ित दलित थे। मोहन यादव के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस नेताओं ने कटनी के एक थाने के अंदर धरना दिया और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संतोष देहरिया ने बताया, ‘‘पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई है। हमने इसे उचित तरीके से लिया है और शिकायत रजिस्टर में इसकी एंट्री की है तथा प्रदर्शनकारियों को रसीद दी है। ‘रोजनामचा’ (दैनिक रिकॉर्ड रजिस्टर) में भी इसकी एंट्री की गई है। इसे ऑनलाइन भी अपडेट किया गया है।’’

एएसपी ने बताया कि कांग्रेस नेता चाहते थे कि शिकायत ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिये दर्ज की जाए और अब इसे जीआरपी पुलिस थाने को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोपी जीआरपी कर्मी घटना की जांच कर रहे डीआईजी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराएंगे तथा जीआरपी थाना द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरा

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि इस घटना ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दलित समुदाय के प्रति तानाशाही वाले रवैये को उजागर किया है। पटवारी ने कहा कि छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया और उन्हें अपनी नौकरी में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा क्योंकि हम उनके खिलाफ अदालत जाएंगे। कांग्रेस अधिकारियों को चेतावनी दे रही है कि वे (सत्तारूढ़) पार्टी के एजेंट के रूप में काम न करें। उन्हें नियम पुस्तिका के अनुसार काम करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के विरोध के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई।

वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जीआरपी कटनी पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई किए जाने का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। मैंने इसका संज्ञान लेने के बाद डीआईजी रेल को घटना की जांच के लिए मौके पर जाने को कहा है। प्रारंभिक जांच के आधार पर, मैंने तत्कालीन जीआरपी पुलिस थाना प्रभारी, एक हेड कॉन्स्टेबल और चार कॉन्स्टेबल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का आदेश दिया है।’’

ये कर्मचारी किए गए सस्पेंड

एक अधिकारी ने बताया कि थाना प्रभारी अरुणा वाहने, हेड कॉन्स्टेबल अजय श्रीवास्तव, कॉन्स्टेबल शोएब अब्बासी, सलमान खान, ओमकार सिरसाम और महिला कॉन्स्टेबल वर्षा दुबे को सस्पेंड कर दिया गया है।

यह कार्रवाई बुधवार को कांग्रेस द्वारा अक्टूबर 2023 में हुई घटना का एक कथित वीडियो साझा करने के बाद हुई। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कटनी का दौरा किया और पीड़ित महिला कुसुम वंशकार और उसके पोते से मुलाकात की। दोनों पीड़ितों ने पत्रकारों के सामने बताया कि कैसे उन्हें थाने में बेरहमी से लाठियों से पीटा गया था।

जीतू पटवारी ने कुसुम वंशकार से पूछा कि क्या वह चाहती हैं कि पुलिस वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो, जिस पर उन्होंने ‘हां’ में सिर हिलाया। इसके बाद कांग्रेस नेता उनके साथ थाने गए। उन्होंने थाने में धरना दिया और पटवारी ने कहा कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो जाती, वे वहां से नहीं जाएंगे। विरोध प्रदर्शन लगभग 5 घंटे तक जारी रहा।

घटना के बारे में पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) सिमला प्रसाद ने बताया कि यह घटना अक्टूबर 2023 में हुई थी। उन्होंने बताया, ‘‘दीपक वंशकार नामक एक व्यक्ति के खिलाफ 19 मामले दर्ज हैं और वह फरार था। उसे जिला बदर भी कर दिया गया था। उसके परिवार के सदस्यों को पिछले साल अक्टूबर में इसी संबंध में पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था।’’

एसपी प्रसाद ने बताया, ‘‘पूछताछ का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। महिला और नाबालिग के खिलाफ भी कटनी में मामले दर्ज हैं। वीडियो में दिख रहे सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।’’

एसपी प्रसाद ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि महिला और उसके पोते के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया।

सूत्रों ने बताया कि रेलवे डीआईजी मोनिका शुक्ला जांच करने के लिए गुरुवार को कटनी पहुंचीं और घटना की जांच की।

प्रदेश कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए वीडियो में सादे कपड़ों में एक महिला – थाना प्रभारी – एक कमरे में एक महिला और एक लड़के की पिटाई करती नजर आ रही है। बाद में, वर्दी पहने कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी दोनों की पिटाई करते नजर आए।

कांग्रेस ने इस घटना को ‘‘शर्मनाक’’ बताते हुए कहा, ‘‘कटनी राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की थाना प्रभारी ने जिस क्रूरता से दलित परिवार के 15 वर्षीय लड़के और उसकी दादी की पिटाई की, वह पीड़ादायक है। उन्हें ऐसा करने की इतनी हिम्मत कहां से मिली? क्या यह आपकी लापरवाही के कारण है? क्या आपने उन्हें इस तरह के कृत्यों में लिप्त होने की अनुमति दी है?’’