मध्य प्रदेश के भोपाल में कुछ दिनों पहले एक दुकान से बड़ी मात्रा में ड्रग्स बनाने का सामान मिला था। मेफेड्रोन ड्रग जब्ती के एक आरोपी ने कथित तौर पर ‘कड़ी पुलिस पूछताछ’ से बचने के लिए खुद को गोली मार ली और फिर मंदसौर में आत्मसमर्पण कर दिया, एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। गुजरात एंटी-टेररिस्ट और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 5 अक्टूबर को भोपाल के बागरोदा स्थित एक फैक्ट्री से 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन और 1,814 करोड़ रुपये मूल्य की दवा बनाने का कच्चा माल जब्त किया गया था।
मंदसौर के पुलिस सुपरिटेंडेंट अभिषेक आनंद ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया, ‘प्रेमसुख पाटीदार उर्फ ’फर्जी डॉक्टर’ मादक पदार्थ की खेप के बाद से फरार था। उसने यहां अफजलपुर पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। उसके बाएं जांघ में देसी पिस्तौल से गोली लगी है। वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाला चौथा व्यक्ति है।’
एसपी ने कहा, ‘पाटीदार के पास से एक हथियार जब्त किया गया है, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिस्तौल अवैध लग रही है। पुलिस की कड़ी पूछताछ से बचने के लिए पाटीदार ने खुद को घायल कर लिया।’ पुलिस के अनुसार, पाटिसर कथित तौर पर मामले के एक अन्य आरोपी हरीश अंजना का पार्टनर है। बता दें कि मंगलवार को पुलिस ने ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल को भोपाल की एक दुकान से बरामद किया था। जब्त सामग्री से 250 से 350 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग का उत्पादन किया जा सकता था।
नशा जब्ती मामले में राजनीति तेज
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिन पहले बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त होने के बाद से इस मामले में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जहां एक ओर इस मामले के एक आरोपी हरीश आंजना की उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के साथ तस्वीरें सार्वजनिक कीं। वहीं देवड़ा ने यह कहते हुए इसका जवाब दिया कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों के साथ बहुत से लोग तस्वीरें खिंचवाते हैं और तस्वीर खिंचवाने से कोई अपराधी बच नहीं जाता।