PM मोदी ने शुरू की ONOS योजना, IIM मुंबई का दावा- अब रिसर्च का खर्च 18 फीसदी होगा कम

PM मोदी ने शुरू की ONOS योजना, IIM मुंबई का दावा- अब रिसर्च का खर्च 18 फीसदी होगा कम


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक राष्ट्र, एक सदस्यता योजना से भारत में अनुसंधान खर्च में 18% की कमी आएगी। यह योजना 13,000 ई-जर्नल्स तक आसान डिजिटल पहुंच प्रदान करेगी, जिससे सरकारी संस्थानों को महंगी सदस्यता से मुक्ति मिलेगी। इससे अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और संस्थान के बजट पर दबाव कम होगा।

भारत में अनुसंधान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आईआईएम मुंबई की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “एक राष्ट्र, एक सदस्यता” (ONOS) योजना से अनुसंधान खर्च में लगभग 18% की कमी आ सकती है।

इस योजना में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को एक क्लिक पर 13 हजार से अधिक रिसर्च पेपर्स तक पहुंच मिल सकेगी, जिससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं की महंगी सदस्यता से मुक्ति मिलेगी।

“एक राष्ट्र, एक सदस्यता” योजना: एक नई दिशा

आईआईएम मुंबई के निदेशक प्रो. मनोज कुमार तिवारी ने इस योजना को शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया। उनका कहना था कि अनुसंधान की सफलता उसके तथ्यों और एकत्र आंकड़ों पर निर्भर होती है।

इन आंकड़ों तक पहुंच के लिए आवश्यक संसाधन व खर्चे हमेशा एक चुनौती रहे हैं। इस योजना से भारत के सरकारी शिक्षण संस्थानों और शोध केंद्रों को 13,000 से अधिक ई-जर्नल्स तक केंद्रित डिजिटल पहुंच प्राप्त होगी, जिससे उनका शोध कार्य आसान और सस्ता हो जाएगा।

लाभार्थी संस्थान और शोधकर्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को लागू करने के लिए 2025-2027 तक 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके तहत 6,300 से अधिक संस्थान और 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे।

विशेष रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) मुंबई जैसे संस्थान इस योजना के तहत अब 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित लगभग 13,000 जर्नल्स का लाभ उठा सकेंगे।

अनुसंधान में वृद्धि और बजट पर दबाव कम

इस योजना से आईआईएम मुंबई में लगभग 38% अधिक प्रकाशन उपलब्ध होंगे, और संस्थान का पुस्तकालय बजट 18% तक कम हो सकता है। यह धन अन्य अनुसंधान परियोजनाओं या संस्थान के विकास कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। देशभर के 10,845 संस्थानों में इसी प्रकार की बचत और विकास कार्यों में निवेश की संभावना बढ़ेगी।

शोध और नवाचार के लिए ऐतिहासिक कदम

यह योजना भारत में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” और “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इसे प्रधानमंत्री के “जय अनुसंधान” के नारे के अनुरूप देखा जा सकता है।