मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के करीब एक हजार स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगने जा रही है। इससे स्कूलों में मनमर्जी से आने वाले टीचर्स और अन्य कर्मचारियों पर लगाम लगेगी। अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस के आधार पर ही टीचर्स की सैलरी बनेगी। ऐसे में लेट आने वालों की सैलरी कट सकती है।
सरकारी स्कूलों को धर्मशाला समझने और मनमर्जी से स्कूल आने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। कुछ माह पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने कलेक्टर कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया था।
इसके साथ इंदौर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में भी बायोमेट्रिक लगाने के निर्देश जारी किए थे। लेकिन शिक्षा विभाग में इसका पालन नहीं हुआ। दो दिन पहले जिला पंचायत कार्यालय में सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने को लेकर बैठक हुई थी। जिसमें सीईओ सिद्धार्थ जैन ने सभी सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने के लिए कहा है। बता दे कि जिले के 1037 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाना है।
अधिकतर स्कूलों में रजिस्टर पर दर्ज होती है उपस्थिति
अब तक अधिकांश सरकारी स्कूलों में रजिस्टर में ही शिक्षक उपस्थिति दर्ज करते हैं। कई शिक्षक अपनी मनमर्जी के हिसाब से ही स्कूल आते और चले जाते हैं। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी कर्मचारी अपनी मर्जी के अनुसार ही कार्यालय आ रहे हैं।
इसी महीने में लग जाएगी बायोमेट्रिक मशीन
इंदौर जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि शिक्षा विभाग के कार्यालय और स्कूलों में अब बायोमेट्रिक मशीन से ही उपस्थिति दर्ज की जाना है। इसके लिए जिले के सभी सरकारी स्कूल परिसरस, पंचायत आदि में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाना है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तत्काल बायोमेट्रिक मशीन लगाने के लिए कहा गया है। इसी माह यह काम पूरा होना जाना चाहिए।
1037 स्कूलों में लगेगी मशीन
जानकारी के अनुसार जिले में जो स्कूल पंचायत कार्यालय के करीब है, वहां पंचायत में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाना है। वहीं अन्य स्कूल परिसर में ही लगाई जाएगी। इंदौर शहरी क्षेत्र में 182, इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में 230, महू में 186, सांवेर में 239 और देपालपुर में 200 परिसरों में बायोमेट्रिक मशीन लगना हैं।
शहरी क्षेत्र में यह जिम्मेदारी नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत के पास रहेगी। अफसरों के अनुसार इसी बायोमेट्रिक मशीन शुरू होने के बाद महीने के अंत में मशीन की शीट के आधार पर ही कोषालय से वेतन जारी होगा।