अमेरिका की घुसपैठियों को चेतावनी, कहा- स्कूल, चर्च या गुरुद्वारे में नहीं मिलेगी शरण

अमेरिका की घुसपैठियों को चेतावनी, कहा- स्कूल, चर्च या गुरुद्वारे में नहीं मिलेगी शरण

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अमेरिका में DHS ने गुरुद्वारों में छापे मारकर अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार किया, जिससे सिख समुदाय में डर का माहौल बन गया है। सिख संगठन SALDEF ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला और समुदाय में भय का कारण बताया है।

अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने इस सप्ताह न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के गुरुद्वारों में छापे मारकर अवैध अप्रवासियों की पहचान कर गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे उन अपराधियों को पकड़ना था, जो हत्या और बलात्कार जैसे संगीन अपराध में शामिल हैं।

डीएचएस प्रवक्ता ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि यह कार्रवाई सीबीपी और आईसीई के बहादुर जवानों को हमारे कानूनों को लागू करने और आपराधिक विदेशियों को पकड़ने के लिए मजबूत बनाता है। इन अवैध अप्रवासियों में हत्यारे और बलात्कारी भी शामिल हैं।

अपराधी अब गिरफ्तारी से बचने के लिए अमेरिका के स्कूलों और चर्चों में छिप नहीं पाएंगे। ट्रम्प प्रशासन हमारे बहादुर जवानों के हाथ नहीं बांधेगा।

अमेरिकी सिख समुदाय में डर का माहौल

  • इस कार्रवाई से सिख समुदाय में चिंता का माहौल है। सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है।
  • SALDEF ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से न केवल समुदाय के भीतर डर और असुरक्षा का माहौल बनेगा, बल्कि यह उन धार्मिक स्थलों की पवित्रता को भी भंग कर सकती है, जो सिख समुदाय के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के केंद्र हैं।

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धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा

  • सिख समुदाय के नेताओं ने कहा कि गुरुद्वारे केवल पूजा स्थल नहीं होते हैं। ये सामाजिक सहायता, भोजन और आश्रय देने वाले केंद्र होते हैं, जो समाज के सभी वर्गों के लिए खुले होते हैं। ऐसे में इन धार्मिक स्थलों पर छापे मारे जाने से सिख समुदाय को एक संवेदनशील माहौल में जीने के लिए मजबूर किया जाएगा।
  • SALDEF की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने कहा कि हमारे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है। यह सिख समुदाय में डर पैदा करता है।

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