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भारत में सरकारी प्राथमिक शिक्षकों का वेतन राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की मंजूरी दी है, जिससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे की संभावना बढ़ गई है। इस रिपोर्ट में जानिए कि नए वेतन आयोग के बाद प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी कितनी बढ़ सकती है और इसका क्या असर पड़ेगा।
सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी?
भारत में सरकारी प्राथमिक शिक्षकों का वेतन राज्य सरकारों द्वारा तय किया जाता है। अलग-अलग राज्यों में यह वेतनमान अलग होता है। शिक्षकों की भर्ती आमतौर पर रीट और सुपर टैट जैसी परीक्षाओं के माध्यम से की जाती है। वर्तमान में शिक्षकों का वेतन 7वें वेतन आयोग के अनुसार दिया जा रहा है, लेकिन अब 8वें वेतन आयोग को लागू करने की चर्चाएं जोरों पर हैं। अगर यह आयोग लागू होता है, तो प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी में कितनी वृद्धि होगी, इसका विश्लेषण जरूरी हो जाता है।
वर्तमान में कितना वेतन मिलता है?
अभी प्राथमिक शिक्षकों का वेतनमान 9,300 रुपये से 34,800 रुपये के बीच होता है, जिसमें 4,200 रुपये का ग्रेड पे शामिल होता है। हालांकि, यह वेतन अलग-अलग राज्यों और स्कूलों में अलग-अलग हो सकता है। केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) में प्राथमिक शिक्षकों की इन-हैंड सैलरी (HRA सहित) लगभग 53,400 रुपये तक होती है।
8वें वेतन आयोग के बाद कितनी बढ़ेगी सैलरी?
हाल ही में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच तय किया जाता है, तो वेतन में 25-30% तक वृद्धि हो सकती है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 51,480 रुपये तक बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। हालांकि, सटीक आंकड़े आयोग की सिफारिशों और सरकार की मंजूरी के बाद ही सामने आएंगे।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय करता है वेतन?
फिटमेंट फैक्टर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी को बढ़ाने का एक मानक होता है। अगर 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था और उसे 8वें वेतन आयोग में 2.85 किया जाता है, तो इसका सीधा असर शिक्षकों के वेतन पर पड़ेगा।
उदाहरण के लिए, अगर किसी शिक्षक की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और इसे 2.85 के फिटमेंट फैक्टर से गुणा किया जाए, तो नया बेसिक पे 51,480 रुपये हो जाएगा। इस तरह से शिक्षकों की सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
राज्यवार वेतनमान पर प्रभाव
चूंकि भारत में शिक्षकों का वेतन राज्य सरकारों के नियमों पर निर्भर करता है, इसलिए हर राज्य में वेतन में अलग-अलग बढ़ोतरी हो सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में अलग-अलग वेतनमान लागू हैं। 8वें वेतन आयोग के बाद इन राज्यों में वेतन वृद्धि अलग-अलग अनुपात में हो सकती है।
शिक्षकों की प्रमोशन और वेतन वृद्धि
सरकारी शिक्षकों की सैलरी बढ़ाने में प्रमोशन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, शिक्षकों को उच्च ग्रेड पे और प्रमोशन मिलते हैं, जिससे उनकी सैलरी में बढ़ोतरी होती है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद प्रमोशन के नए नियम भी लागू किए जा सकते हैं।
8वें वेतन आयोग कब होगा लागू?
8वें वेतन आयोग को लागू करने की कोई आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन 2026 से इसे लागू करने की संभावना जताई जा रही है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो शिक्षकों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि होगी।
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