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चार धाम यात्रा 2025 के लिए श्रद्धालुओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हर साल लाखों श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा करते हैं। इस साल यात्रा के दौरान विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। जानिए, यात्रा से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
VIP दर्शन के लिए पहले महीने में रोक
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो चुकी है। इस साल यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने कई नई व्यवस्थाएँ लागू की हैं। यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी और श्रद्धालु पहले से ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। इस बार यात्रा में VIP दर्शन के लिए पहले महीने में रोक लगा दी गई है।
चार धाम यात्रा का महत्व
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है। यह यात्रा चार प्रमुख तीर्थस्थलों – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – में संपन्न होती है। उत्तराखंड की पवित्र वादियों में स्थित इन धामों की यात्रा से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं।
कैसे करें पंजीकरण?
चार धाम यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। श्रद्धालु उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की आधिकारिक वेबसाइट [https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php](https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php) पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। आधार कार्ड की जानकारी देकर पंजीकरण संभव है।
ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा इस बार 60% तक उपलब्ध कराई गई है, जबकि 40% पंजीकरण ऑफलाइन माध्यम से होगा।
यात्रा की तारीख…
- 30 अप्रैल 2025: अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे।
- 2 मई 2025: केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
- 4 मई 2025: बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
यात्रा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश…
- यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को ऊनी कपड़े, छतरी और रेनकोट साथ रखना चाहिए।
- पंजीकरण के दौरान सही मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- हेली सेवा के लिए टिकट केवल आधिकारिक वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in से ही बुक करें।
- स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित श्रद्धालु यात्रा से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
- किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति से दर्शन या टिकट की सेवा न लें।
- पंजीकरण के बिना किसी भी श्रद्धालु को धामों में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।
- यातायात नियमों का पालन करें और वाहन नियंत्रित गति में चलाएँ।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष व्यवस्थाएं
पिछले साल चार धाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। इस बार अधिक भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यात्रा मार्ग पर 10,000 श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की है। साथ ही, दर्शन टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे श्रद्धालु बिना लंबी कतारों में लगे निर्धारित समय पर भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
VIP दर्शन पर प्रतिबंध
चार धाम यात्रा के पहले महीने में VIP दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने सभी राज्यों को इस निर्णय की जानकारी भेज दी है, ताकि कोई भी वीआईपी सुविधा की अपेक्षा न करे।
महत्वपूर्ण सूचना
यात्रा के दौरान अस्वस्थ महसूस करने पर तुरंत स्थानीय प्रशासन या यात्रा प्रबंधन दल को सूचित करें। यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रशासन ने कई मेडिकल कैंप और इमरजेंसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं।
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